tag:blogger.com,1999:blog-271961050181977128.post7613675668661850272..comments2023-06-17T06:24:48.700-07:00Comments on आर्यावर्त: मेरे जीवन के साथ बड़ी मजबूरी है ....Anuranjan Jhahttp://www.blogger.com/profile/17353234712277998928noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-271961050181977128.post-82080327398981218402009-08-28T05:23:24.086-07:002009-08-28T05:23:24.086-07:00आप वीरानों में गीत सुमन के लिखते हैं
आप इस मजबूरी ...आप वीरानों में गीत सुमन के लिखते हैं<br />आप इस मजबूरी कहते हैं<br />हम आपकी वीरानी में <br />गभीर अर्थ खोजते हैं<br />मैं शब्दों को पढ़कर सोचता रहा कि<br />गीत सुमन से लिखने में <br />क्या समां वीरानी रह जाएगी<br />कल रात जब आंखे बंदकर सोना तो<br />पूछना खुद से कि<br /><br />गीत सुमन से लिखने में <br />क्या समां वीरानी रह जाएगीGirindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झाhttps://www.blogger.com/profile/12599893252831001833noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-271961050181977128.post-22290148641161346542009-08-26T02:52:08.991-07:002009-08-26T02:52:08.991-07:00गीली मिट्टी से बने दीप की पांती से
मैं बलिदानों म...गीली मिट्टी से बने दीप की पांती से <br />मैं बलिदानों में गीत नमन के के लिखता हूं<br /><br />बहुत खूब ...लाजवाब रचना है...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-271961050181977128.post-16380227923691668752009-08-25T12:57:12.623-07:002009-08-25T12:57:12.623-07:00मेरे गीतों की कड़ी जवानी बन जाए
चिंतन की कोमल घड़ी...मेरे गीतों की कड़ी जवानी बन जाए<br />चिंतन की कोमल घड़ी कहानी बन जाए<br />हर शब्द-शब्द के साथ कल्पना भी उतरे<br />(किसी को भी छू लेने वाली बेहतरीन कविता)<br />धन्यवाद इन बेहतरीन शब्दों के लिएसुबोधhttps://www.blogger.com/profile/10810549312103326878noreply@blogger.com